फरीदाबाद। पृथला विधानसभा क्षेत्र के 11 गांवों को नगर निगम फरीदाबाद में शामिल करने के विरोध में रविवार को सभी 11 गावों मौजिज सरदारी की एक पंचायत क्षेत्र के पूर्व विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया के सीकरी स्थित कार्यालय पर आयोजित की गई। इस पंचायत में उपरोक्त गांवों के पंच-सरपंच सहित मौजिद सरदारी ने बढ़-चढकर भाग लिया। पंचायत में एक स्वर से फैसला लिया गया कि अगर पृथला क्षेत्र के 11 गावों सहित सभी 26 गावों को नगर निगम में शामिल करने के फैसले को निरस्त नहीं किया गया, तो वह सभी पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष चैधरी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से मिलेंगे और सभी 26 गांव की सरदारी, पार्टी के विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक बड़ी सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को आमंत्रित किया जाएगा।
Panchaat of 11 villages of Prithla, decision of Municipal Corporation not accepted
Faridabad. In protest against the inclusion of 11 villages of the Prithla Assembly constituency in the Municipal Corporation, Faridabad, a panchayat area of all the 11 villages was held on Sunday at the office of Sikri of former MLA Raghubir Singh Teotia. In this panchayat, Sardari along with Panch-sarpanch of the above villages participated very well. In the panchayat, it was decided with a voice that if the decision to include all 26 villages including 11 villages of Prithla region was not repealed, then all of them would meet former Chief Minister and Leader of Haryana, Chaudhary Bhupinder Singh Hooda and Sardar of all 26 villages, along with party MLAs and activists will organize a big meeting, in which former Chief Minister Bhupinder Singh Hooda will be invited.
पंचायत में पूर्व विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया ने कहा कि सरकार का यह फैसला किसी भी तरह से गाँव की जनता हित में नहीं है। आज किसी भी गाँव में विकास के लिए राशि सीधा पंचायत के पास आती है और जो सीधे-सीधे गाँव के विकास कार्यो में लगती है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम में जाने के बाद गाँव विकास कार्यों के लिए आने वाली राशि सीधा निगम के पास जाएगी और जो नगर निगम घोटालों के चलते खुद घाटे में है, वह हमारे गाँव का क्या भला कर पाएगा।
पूर्व विधायक तेवतिया ने कहा कि पहले किसान विरोधी बिल और अब ये नगर निगम फैसला, पूरी तरह किसान विरोधी और जन विरोधी है।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि हमें एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज उठानी होगी, क्योंकि आज बैठक करके पंचायत करके कल घरों में बैठ जाए उससे कुछ हासिल नहीं होगा।
उन्होंने पंचायत में शामिल 11 गाँव की सरदारी से अपील की कि प्रत्येक गाँव से एक सदस्य और उसके नीचे 5-5 सदस्यों की टीम गठित की जाए जिससे कि आगे की रूपरेखा पर अमल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से इस मामले परचर्चा करेंगे और इसी के साथ पूरे 26 गाँव की सरदारी, पार्टी के विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक सभा करेंगे और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बड़े स्तर पर रैली करेंगे।
उन्होंने पंचायत में मौजूद सभी लोगों से वादा किया कि पार्टी नेता से पहले मैं एक किसान हुं और अपने किसान भाइयों के साथ खड़ा रहूंगा व जब तक यह तानाशाही सरकार मान नहीं जाती किसान के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।
पंचायत में मुख्य रूप से बिजेंद्र आर्य, मुकेश भाटी, लक्ष्मण चेयरमैन, चंद्रभान, मोहन डागर, राजकुमार गोगा, ओम प्रकाश, दीप चंद, साहूपुरा से अमर सरपंच, सतपाल नंबरदार, उदयवीर, जिला पर्षद भगत सिंह, छ्वश्च सिरोही, जाजरू से कृष्णा सरपंच, हरेराम, रामप्रसाद, नफीस खान, इशू नंबरदार, सुरेंद्र चैहान, प्रेम सिंह, कृषण चहल, महेश, नत्थे सरपंच, राम किशन, अरुण डागर, खुर्शीद, पृथ्वी, हरवंश, भूतन नंबरदार, जय देव, रणवीर, जीतराम, संतोष ठाकुर, राधा रमन शर्मा, नानक देव, बलजीत नंबरदार, ताराचंद सरपंच, करमवीर आदि मौजूद थे।